लेह-लद्दाख में आया 4.5 तीव्रता का भूकंप, किसी के हताहत या सम्पत्ति के नुकसान की सूचना नहीं

By: Shilpa Tue, 26 Dec 2023 1:02:03

लेह-लद्दाख में आया 4.5 तीव्रता का भूकंप, किसी के हताहत या सम्पत्ति के नुकसान की सूचना नहीं

नई दिल्ली। भारत में आज यानी बुधवार को सुबह-सुबह धरती कांपी है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) ने कहा कि मंगलवार सुबह करीब 4:33 बजे लेह और लद्दाख में रिक्टर पैमाने पर 4.5 तीव्रता का भूकंप के झटके महसूस किए गए। आज लेह-लद्दाख इलाके में जब सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए, तो लोग सहम उठे। एनसीएस ने कहा कि भूकंप का केंद्र 5 किमी की गहराई पर था और झटके 34.73 अक्षांश और 77.07 देशांतर पर आए। हालांकि, पहाड़ी इलाकों से अभी तक किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की खबर नहीं है।

लद्दाख में मंगलवार सुबह करीब 4 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के कारण लोग घरों के बाहर निकल आए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.5 मापी गई है। लद्दाख के अलावा कारगिल, पुंछ और किश्तवाड़ में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।

किश्तवाड़ में आया 3.7 तीव्रता का भूकंप


नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के नजदीकी किश्तवाड़ जिले में रिक्टर स्केल पर 3.7 तीव्रता का भूकंप आया। एनसीएस के मुताबिक किश्तवाड़ में भूकंप देर रात करीब 1.10 बजे 5 किमी की गहराई पर आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता कम होने के कारण इसका ज्यादा असर देखने को नहीं मिला। भूकंप से फिलहाल किसी भी नुकसान की खबर सामने नहीं आई है।

क्यों आता है भूकंप?


पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं जो लगातार घूम रही हैं। जब से प्लेज आपस में टकराती हैं तो जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। इन्हें टेक्टॉनिक प्लेट कहते हैं। इसके कारण भूकंप के अलावा ज्वालामुखी विस्फोट की आशंका भी रहती है। फॉल्ट को लेकर कई परिभाषाएं दी गई हैं।

कितनी तबाही लाता है भूकंप?

रिक्टर स्केल असर 0 से 1.9 सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है। 2 से 2.9 हल्का कंपन। 3 से 3.9 कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर। 4 से 4.9 खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं। 5 से 5.9 फर्नीचर हिल सकता है। 6 से 6.9 इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है। 7 से 7.9 इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं। 8 से 8.9 इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं। 9 और उससे ज्यादा पूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी आ सकती है।

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